समास की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण, Hindi Grammar
समास की परिभाषा -
समास शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप या संक्षिप्त इस करण दो या दो से
अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते है |
समास के प्रकार -
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. कर्मधारय समास
4. दिगु समास
5. द्वंद समास
6. बहुव्रीहि समास
1. अव्ययीभाव समास
जिस समास का पहला पद (पूर्व पद ) प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं|
उदाहरण --
हर रोज - रोज रोज
हाथों हाथ - हाथ ही हाथ में
प्रतिदिन - प्रत्येक दिन
बेशक - शक के बिना
हर साल - हर एक साल
यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार
आजन्म - जीवन पर्यन्त
2. तत्पुरुष समास
जिस समास में दूसरा पद या उत्तर पद या अंतिम पद प्रधान होता है उसे तत्पुरुष समास कहते हैं|
जैसे -
तुलसीकृत - तुलसी से कृत
गौशाला - गायों के लिए शाला
राजमाता - राजा की माता
वनवास - वन में वास
3. कर्मधारय समास
जिस समास का उत्तर पर पद प्रधान हो और पहले वह दूसरे पद में विशेषण विशेष्य का संबंध हो वह कर्मधारय कहलाता है |
उपमेय - जिस वस्तु का वर्णन हो रहा है
उपमान - जिस वस्तु की तरह बताया जा रहा है |
उदाहरण -
नीलकमल - नीला है जो कमल
मुखचन्द्र - मुख ही है चंद्र जो
चन्द्रमुख - चन्द्रमा के समान है जो मुख
प्रधानमंत्री - प्रधान ही है जो मंत्री
4. दिगु समास
ऐसे समास का पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण हो उसे दिगु समास कहते हैं |
उदाहरण -
त्रिरत्न - तीन रत्नों का समूह
पंचवटी - पांच बटों का समाहार
सप्ताह - 7 दिनों का समाहार
5. द्वंद समास
जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर और अथवा या लगता है द्वंद समास कहलाता है |
उदाहरण -
माता-पिता - माता और पिता
धर्माधर्म - धर्म और अधर्म
दाल-रोटी - दाल और रोटी
पाप-पुण्य - पाप या पुण्य
अष्टादस - आठ और दस ( सभी संख्याए द्वन्द समास में आती है )
6. बहुव्रीहि समास
जिस समास के दोनों पद प्रधान हों और समस्त पद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं |
उदाहरण -
नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका - भगवान शिव
पीतांबर - पीला है अम्बर जिसका वह - विष्णु
चक्रपाणि - चक्र है जिसके पाणि में - विष्णु
चंद्रशेखर - चंद्र है शिखर पर जिसके - शिव
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