Ad Code

Responsive Advertisement

Theories and Law of Learning (अधिगम (सीखने ) के सिद्धांत तथा नियम ), In Hindi

अधिगम (सीखने ) के प्रमुख सिद्धांत तथा नियम (Theories and Law of Learning)

Theories and Law of Learning (अधिगम (सीखने ) के सिद्धांत तथा नियम ), In Hindi

अधिगम (सीखने ) का अर्थ - मानव जीवन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण सीखना या अधिगम है | प्रत्येक मनुष्य अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक कुछ कुछ सीखता है |

अधिगम (सीखने ) के परिभाषा - सीखना वह मानसिक क्रिया है जिसमें बालक परिपक्वता की ओर बढ़ता हुआ और अपने अनुभवों से लाभ उठाता हुआ अपने स्वाभाविक व्यवहार  में परिवर्तन करता है |

कुछ अन्य परिभाषाएँ -

"वुडवर्थ के अनुसार - सीखना विकास  की प्रक्रिया है |"

"स्किनर के अनुसार - सीखना, व्यवहार  में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है |"


अधिगम (सीखने ) के प्रमुख सिद्धांत( Theories of Learning)


हिलगार्ड ने अपनी पुस्तक "Theories of Learning" में अनेक सीखने के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया है, जिनमे से मुख्यसिद्धांतो का वर्णन इस प्रकार है --


1. थार्नडाइक का सीखने का सिद्धांत 

2. सम्बद्ध-प्रतिक्रिया सिद्धांत 

3. प्रबलन सिद्धांत 

4. सूझ या अंतर्दृष्टि का सिद्धांत 

5. स्किनर का सीखने का सिद्धांत 


इनके अतिरिक्त भी कुछ सिद्धांत महत्वपूर्ण है -


पियाजे का सीखने का सिद्धांत(Learning Theory of Piaget) -


पियाजे के इस सिद्धांत को पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत भी कहते है

पियाजे  अनुसार -- "बुद्धि, नयी परिस्थितियों के प्रति मानसिक अनुकूलन की योग्यता है | "


पियाजे के विकास सिद्धांत की स्थितियाँ एवं समय -


1. संवेदी (इंद्रिय ) गामक अवस्था (Sensory-motor- Period)-

यह अवस्था --- जन्म से 2 वर्ष तक रहती है


2. पूर्व संक्रिया अवस्था (Pre Operational Period)

यह अवस्था --- 2 से 7 वर्ष तक होती है


3. मूर्त संक्रिया अवस्था (Concrete Operational Period)

यह अवस्था --- 7 से 11 वर्ष तक होती है


4. अमूर्त संक्रिया अवस्था या औपचारिक संक्रिया अवस्था(Formal Operational Period ) 


यह अवस्था --- 11 से 15 वर्ष तक होती है




अधिगम या सीखने के नियम (Laws of Learning ) -


.एल. थार्नडायक ने सीखने के तीन मुख्य नियम तथा पाँच गौण नियम प्रतिपादित किए है जो इस प्रकार है----


A. मुख्य नियम (Primary Laws) -


(1) तत्परता का नियम (Law of Readiness)


(2) अभ्यास का नियम (Law of Exercise)

          (i)उपयोग का नियम (Law of Use)

          (ii)अनुपयोग का नियम (Law of Disuse)


(3) प्रभाव या परिणाम का नियम (Law of Effect or Satisfaction)



B. गौण नियम (Secondary Laws)-


(1) बहुप्रतिक्रिया का नियम (Law of Multiple Response)


(2) अभिवृति या मनोवृति का नियम (Law of Disposition) 


(3) आत्मीकरण का नियम (Law of Assimilation)


(4) आंशिक क्रिया का नियम (Law of Partial Activity)


(5) सम्बंधित परिवर्तन का नियम (law of Associative Shifting)

Post a Comment

0 Comments