बाल विकास का अर्थ एवं क्षेत्र (Child Development Meaning and Scope) in Hindi
बाल विकास दो शब्दों से मिलकर बना है बाल(Child) या बालक तथा विकास (Development)
1 बालक का अर्थ (Meaning of Child )-
बालक का तात्पर्य बाल्यावस्था अर्थात जन्म से 12 वर्ष तक के व्यक्तियों से लगाते हैं| बाल विकास के अंतर्गत बालक का तात्पर्य गर्भावस्था से युवावस्था के परिपक्वावस्था तक के व्यक्ति से हैं जिसमें विकास के साथ साथ रचनात्मक परिवर्तन भी होते हैं |
2 विकस का अर्थ(Meaning of Development)-
विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका प्रारम्भ गर्भावस्था से होता है जिसमें अनेक क्रमिक शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होते हैं | यह जीवन पर्यन्त किसी न किसी रूप में चलता रहता है |
विकास को तीन भागों में विभाजित किया गया है -
1.उत्पत्ति(Origin)
2.वृद्धि(Growth)
3.अपकर्ष(Fall)
कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ-
स्किनर के अनुसार -"बाल मनोविज्ञान ,बालक के व्यव्हार एवं अनुभव का विज्ञानं है |"
क्रो एंड क्रो के अनुसार -"बाल मनोविज्ञान वह विज्ञान है जो व्यक्ति के विकास का वैज्ञानिक अध्ययन गर्भकाल से किशोवस्था तक करता है| "
बाल विकास का विषय क्षेत्र(Scope of Child Development) -
बाल विकास बालक के संपूर्ण जीवन का अध्ययन है इसका विषय क्षेत्र गर्भावस्था से लेकर युवावस्था तक की सभी अवस्थाओं के सभी पहलुओं का अध्ययन है | बाल विकास के विभिन्न पहलू निम्नलिखित हैं -
- शारीरिक विकास (Physical Development)
- गत्यात्मक विकास (Motor Development)
- मानसिक विकास (Mental Development)
- संवेगात्मक विकास (Emotional Development)
- भाषा विकास (Language Development)
- सामाजिक विकास (Social Development)
- नैतिक विकास (Moral Development)
- चारित्रिक विकास (Character Development)
- सौन्दर्यात्मक विकास (Aesthetic Development)
- धार्मिक विकास (Religious Development)
- स्मृति का विकास (Memory Development)
- प्रतिभा व कल्पना का विकास (Imagination Development)
- अवधान व रूचि का विकास (Attention and Interest Development)
- चिंतन एवं रूचि का विकास (Thinking and Reasoning Development)
- खेल का विकास (Play Development)
- व्यक्तित्व विकास (Personality Development
बाल मनोविज्ञान की आवश्यकता एवं महत्व (Need and Importance of Child Psychology) -
आज विश्व के मनोवैज्ञानिक ही नहीं वरन शिक्षाशास्त्री, शिक्षा दार्शनिक, समाज सुधारक, शिक्षक, भी इस बात को स्वीकार करते है कि शिक्षा, मनोविज्ञान पर आधारित होनी चाहिए |
जेम्स ड्रेवर के अनुसार -मनोविज्ञान एक महत्वपूर्ण करक है, इसकी सहायता लिए बिना हम शिक्षा की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते |
बाल मनोविज्ञान की उपयोगिता एवं महत्व (Importance of Child Psychology)-
शिक्षार्थी की दृष्टि से -
- बालको के वंशानुक्रम व वातावरण का अध्ययन |
- बालको के विकास की अवस्थाओं का अध्ययन |
- बालको की विशिष्ट योग्यताओं का अध्ययन |
- बालको की रूचि, प्रेरणाओं, और मूल प्रवृत्तिओं का अध्ययन |
शिक्षक की दृष्टि से -
- बाल मनोविज्ञान शिक्षक को सम्यक दृष्टिकोण प्रदान करता है|
- बाल मनोविज्ञान की सहायता से बालक के विकास की विभिन्न अवस्थाओं का ज्ञान प्राप्त होता है।
- बाल मनोविज्ञान अध्यापकों को छात्रों के प्रति प्रेम, सहानुभूति अपनाने में सहायता करता हैं।
- बाल मनोविज्ञान अध्यापक को प्रभावशाली शिक्षण विधियों की जानकारी देता है।
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