उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति (Art and Culture of Uttar Pradesh in Hindi)
अयोध्या की भूमि, ताज महल की भूमि उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति (Art and Culture of Uttar Pradesh in Hindi) का एक लंबा इतिहास है जो प्राचीन काल से चला आ रहा है। राज्य के लोग उसके सुंदर हस्तशिल्प, संगीत, नृत्य और साहित्य के लिए जानते हैं। उत्तर प्रदेश में भारतेंदु नाट्य अकादमी और उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी जैसे देश के कुछ सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्थान हैं।
उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति (Art and Culture of Uttar Pradesh in Hindi)
उत्तर प्रदेश राज्य महाकाव्य "रामायण" और "महाभारत" का जन्मस्थान है। 24वें जैन तीर्थंकर महावीर और बुद्ध की शिक्षाएं उत्तर प्रदेश पर दो सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रभाव थे।
इस लेख में हम उत्तर प्रदेश के लोकगीत, लोक कला, लोक नाट्य और प्रमुख मेले व उनके आयोजन स्थल के बारे में पढ़ेंगे जो परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं
उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, कलात्मक विकास के संरक्षण, प्रदर्शन, अध्ययन हेतु 'संस्कृति विभाग' की स्थापना की गई - 1957
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी - लखनऊ (1963)
राष्ट्रीय कथक संस्थान - लखनऊ (1988-89)
उत्तर प्रदेश में स्थापत्य कला के प्राचीनतम साक्ष्य - मौर्यकालीन
मंदिर निर्माण कला का विकास हुआ - गुप्त काल में
मुगल चित्रकला शैली की नींव पड़ी - हुमायूँ के समय
मुगल चित्रकला का स्वर्णकाल माना जाता है - जहांगीर का काल
उत्तर प्रदेश कला एवं शिल्प महाविद्यालय - 1911
लखनऊ चित्रकला शैली के जनक - असित कुमार हल्दार
'सत्यम शिवम सुंदरम्' के चित्रकार - शिवनंदन नौटियाल
'संगीत का बाइबिल' की संज्ञा - भरतमुनि का नाट्यशास्त्र
तबला एवं सितार का आविष्कार - अमीर खुसरो
भारत का विशाल चित्रकला संग्रहालय भारत कला भवन की स्थापना - 1950 (वाराणसी)
ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का संबंध है - बनारस घराना
बिन्दादीन, शम्भू महाराज, लच्छू महाराज, बिरजू महाराज और अच्छन महाराज संबंधित हैं - कथक
अमीर खुसरो द्वारा प्रारंभ किये गये खयाल गायन को शीर्ष पर पहुंचाने का श्रेय है - रामपुर घराना
उत्तर प्रदेश का एकमात्र शास्त्रीय नृत्य है - कत्थक
कथक नृत्य प्रणेता / उन्नायक - ठाकुर प्रसाद
कथक में ठुमरी गायन का समावेश - बिन्दादीन
उत्तर प्रदेश में 3 राजकीय बौद्ध संग्रहालय – गोरखपुर, कुशीनगर, पिपरहवा (सिद्वार्थनगर)
ब्रज क्षेत्र (मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज) आदि में प्रयुक्त ब्रज भाषा का विकास - शौरसेनी अपभ्रंश
फैजाबाद, गोण्डा, बहराइच, सीतापुर, लखनऊ, उन्नाव रायबरेली में बोली जाने वाली 'अवधी' का विकास हुआह है - अर्द्धमगधी
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक लोगो द्वारा बोली जानी वाली उपबोली कौन सी है - भोजपुरी
उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार - 1949 (प्रयागराज)
जैन और बौद्ध दोनो धर्मों का प्रसिद्ध तीर्थ - कौशाम्बी
उत्तर - मध्य सांस्कृतिक केन्द्र - प्रयागराज
राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय - मेरठ
उत्तर प्रदेश में कुषाण एवं गुप्त कालीन संस्कृति का एक मात्र संग्रहालय - मथुरा
खड़ी बोली के विकास में प्रारंभिक महत्वपूर्ण योगदान - अमीर खुसरो
उत्तर प्रदेश चलचित्र निगम की स्थापना - 1975
राजकीय जैन संग्रहालय - मथुरा (2003)
उत्तर प्रदेश प्रमुख लोकगीत Uttar Pradesh Major folk songs in Hindi -
लोकगीत नाम स्थान
कजरी - मिर्जापुर, वाराणसी
बिरहा - पूर्वांचल
सोहर - अवध (पूर्वांचल)
आल्हा - बुंदेलखण्ड
ईसुरी फाग - बुंदेलखण्ड
होरी, फाग, रसिया - ब्रज क्षेत्र
उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकनृत्य Major folk dances of Uttar Pradesh in Hindi -
लोक नृत्य स्थान
खयाल नृत्य - बुंदेलखण्ड
रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, चरकुला नृत्य - ब्रज क्षेत्र
धुरिया, राई, दीप, देवी, कार्तिक, शौरापाई डंडा - बुंदेलखण्ड
नटवरी, कठ्घोड़वा, धोबिया, कहरउवा, धींवर - पूर्वाचल
जोगिनी, कलाबाजी - अवध क्षेत्र
कर्मा - सोनभद्र, मिर्जापुर
राहुला - बुदेलखंड
आधुनिक शास्त्रीय हिन्दी रंगमंच का जनक - भारतेन्दु हरिश्चंद
उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकनाट्य - रामलीला, रासलीला, नौटंकी
रामलीला - रागनगर वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या
रासलीला - ब्रज क्षेत्र
नौटंकी - कानपुर, हाथरस
राज्य में सर्वाधिक (86) मेलों का आयोजन - मथुरा
उत्तर प्रदेश प्रमुख मेले व आयोजन स्थल Uttar Pradesh Major Fairs and Event Venues in Hindi -
बटेश्वर मेला (पशु) - आगरा
नौचंदी - मेरठ
ददरी मेला (पशु) - बलिया
गढ़मुक्तेश्वर मेला - हापुड़
हरिदास जयंती - निधिवन, वृंदावन
देवा शरीफ - बाराबंकी
सैयद सालार मेला - बहराइच
गोलागोकर्ण नाथ - खीरी
नककटैया मेला - वाराणसी
शाकंभरी देवी - सहारनपुर
गोविन्द साहब - अम्बेडकर नगर
खिचड़ी मेला - गोरखपुर
चैत्त रामनवमी मेला - अयोध्या
हिन्दू-मुस्लिम एकता का सुलह कुल महोत्सव - आगरा
त्रिवेणी महोत्सव - प्रयागराज
ताज महोत्सव - आगरा
कबीर महोत्सव - मगहर (संतकबीरनगर)
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