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Classification of Fundamental Theories of Teaching (शिक्षण के मूलभूत सिद्धांतों का वर्गीकरण ), In Hindi

शिक्षण के मूलभूत सिद्धांतों  का वर्गीकरण ( Fundamental Theories of Teaching ) In Hindi

Classification of Fundamental Theories of Teaching (शिक्षण के मूलभूत सिद्धांतों  का वर्गीकरण ), In Hindi

शिक्षण एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है, जो छात्रों के ज्ञान, कौशल और सोचने की क्षमता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विभिन्न शिक्षा शास्त्रियों ने शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं। इन सिद्धांतों को अपनाकर शिक्षक शिक्षण प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बना सकते हैं।

छात्रों को समुचित शिक्षण प्रदान करने के लिए शिक्षा में अनेक तत्वों का समाहित किया जाता है ताकि बालक  का सम्पूर्ण विकास हो सके |


शिक्षण के आधारभूत सिद्धांतों का वर्गीकरण  निम्नलिखित है

1 क्रियाशीलता का सिद्धांत ( Theory of Activity ) -

 इस सिद्धांत के अंतर्गतकरके सीखनेपर जोर दिया जाता है | डाल्टनपद्धति, मोंटेसरी आदि विधियाँ इसी पर आधारित है |


2 प्रेरणा का सिद्धांत ( Theory of Motivation ) -

 इसका प्रयोग छात्रों में पाठ के प्रति रूचि उत्पन्न करने में किया जाता है | आस- पास की स्थिति, म्यूजियम आदि के बारे में जानकारी देना |


 3 रूचि का सिद्धांत  ( Theory of Interest ) -

 पाठ में रूचि उत्पन्न करने के लिए प्रत्येक पाठ में एक आदर्श लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए |


4  निश्चित उद्देश्य का सिद्धांत ( Principle of Definite Aims ) -

 प्रत्येक पाठ का कोई कोई उद्देश्य अवश्य रखना चाहिए , उसके बिना उचित शिक्षण नहीं हो पायेगा |


5 चयन का सिद्धांत ( Theory of Selection ) -

 बालक की क्षमता अनुसार ही ज्ञान तथ्यों का चयन करें|


6 नियोजन का सिद्धांत ( Theory of Planning )  -

  पाठ्य सामग्री चुनने के बाद शिक्षक को क्रमबद्ध तरीके से अन्य तत्वों का निर्माण करना चाहिए | जैसेपाठ योजना का निर्माण, सहायक सामग्री का उपयोग आदि |


7 वैयक्तिक विभिन्नता का सिद्धांत ( Principle of Indivisual Differences ) - प्रत्येक बालक की आयु अनुसार उसकी योग्यताएं, रुचियाँ, आवृतियाँ भिन्न भिन्न होती है | अतः उनको ध्यान में रखकर ही शिक्षण करना चाहिए |

8 लोकतान्त्रिक व्यवहार का सिद्धांत ( Theory of Democratic Dealing ) -

ऐसा कक्षा का वातावरण बनाएं जिससे बालक स्वतंत्रता पूर्वक अपनी शंका दूर कर सके 


9 विभाजन का सिद्धांत ( Theory of Division ) -

 पाठ प्रस्तुत करने की सरलता एवं सुविधा की दृष्टि से छोटी-छोटी इकाईयों में विभक्त का लेना चाहिए |


10 आवृत्ति का विभाजन ( Theory of Revision ) -

 पाठय सामग्री के प्रति छात्रों के मस्तिष्क में स्थायी विचार बनाने के लिए शिक्षक को पाठ पढ़ाने के उपरान्त छात्रों को आवृत्ति का मौका देना चाहिए |


11 निर्माण और मनोरंजन का सिद्धांत ( Theory of Construction and Recreation ) - 

छात्रों में रचनात्मक और सृजनात्मकता शक्ति का विकास करने हेतु उमसे रचनात्मक क्रियाएँ करनी चाहिए |


12 पाठ्य-सामग्री के चुनने का सिद्धांत ( Principle of selection of Subject Matter ) - 

पाठ्य सामग्री छात्रों के स्तर के अनुकूल हो , उपयोगी तत्वों का समावेश तथा शिक्षण के उद्देश्य प्राप्त हो |


13 जीवन से सम्बंधित स्थापना का सिद्धांत ( Theory of Related Life ) -

 किसी विषय को पढ़ाते समय उसे जीवन से सम्बन्ध रखने वाली घटनाओं से जोड़ा जाना चाहिए |


14 मनोवैज्ञानिकता का सिद्धांत ( Theory of Psychologic ) -

 शिक्षण में मनोवैज्ञानिक सिद्धांत का प्रयोग करना चाहिए जिससे छात्रों को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिल सके |



शिक्षण सिद्धान्तों की आवश्यकता ( Needs of Theory of Teaching ) - 

शिक्षण में शिक्षण सिद्धांतों का बहुत महत्व है

1 अधिगम के लिए समुचित परिस्थितियां उत्पन्न की जाती है |


2 शिक्षण स्वतंत्र रूप से होता है |


3 ये शिक्षण के नियोजन, व्यवस्था तथा मूल्यांकन आदि को वैज्ञानिक आधार देते है |


4 ये वर्तमान ज्ञान को संगठित करते है |


5 ये शिक्षण तथा सीखने के मध्य सह-संबंध की व्याख्या करते है |


6 ये शिक्षण नीतियों के विषय में स्पष्ट निर्देश प्रदान करते है

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