हिंदी की विधाओं की प्रथम रचना - हिन्दी में सर्वप्रथम hindi me pratham
हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं का अपना एक समृद्ध इतिहास रहा है। हर विधा का एक प्रारंभिक दौर होता है, जब पहली बार किसी लेखक ने उस शैली में अपनी रचना प्रस्तुत की। यह जानना न केवल रोचक है बल्कि साहित्यिक विकास को समझने के लिए भी आवश्यक है।
क्या आप जानते हैं कि हिन्दी की पहली कहानी कौन सी थी? पहला उपन्यास किसने लिखा? पहला नाटक कब मंचित हुआ? इस लेख में, हम हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं की प्रथम रचनाओं पर प्रकाश डालेंगे और जानेंगे कि हिन्दी साहित्य की इस अद्भुत यात्रा की शुरुआत कहां से हुई।
हिंदी में प्रथम hindi me pratham -
हिन्दी का प्रथम कवि — सरहपाद (9वीं शताब्दी)
हिन्दी की प्रथम रचना — श्रावकाचार (देवसेन)
हिन्दी का प्रथम मौलिक नाटक — नहुष (गोपाल चन्द्र)
हिन्दी का प्रथम उपन्यास — परीक्षागुरु (श्रीनिवास दास)
हिन्दी की प्रथम आत्मकथा — अर्द्धकथानक (बनारसी दास जैन)
हिन्दी की प्रथम जीवनी — दयानन्द दिग्विजय (गोपाल शर्मा)
हिन्दी का प्रथम रिपोर्ताज — लक्ष्मीपुरा (शिवदान सिंह चौहान)
हिन्दी का प्रथम यात्रा संस्मरण — लन्दन यात्रा (महादेवी वर्मा)
हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी — इन्दुमती (किशोरी लाल गोस्वामी)
हिन्दी की प्रथम वैज्ञानिक कहानी — चन्द्रलोक की यात्रा (केशव प्रसाद सिंह)
हिन्दी का प्रथम गद्य काव्य — साधना (राय कृष्ण दास)
हिन्दी खड़ी बोली का प्रथम काव्य ग्रन्थ — एकांतवासी योगी (श्रीधर पाठक)
हिन्दी की प्रथम अतुकान्त रचना — प्रेम पथिक (जयशंकर प्रसाद)
हिन्दी छायावाद का प्रथम काव्य संग्रह — झरना (जयशंकर प्रसाद)
शुद्ध एवं परिमार्जित खड़ी बोली के प्रथम लेखक — राम प्रसाद निरंजनी
हिन्दी खड़ी बोली का प्रथम गद्य ग्रन्थ — भाषा योगवशिष्ठ
हिन्दी खड़ी बोली के प्रथम प्रतिष्ठित कवि — अमीर खुसरो
हिन्दी साहित्य का प्रथम महाकाव्य — पृथ्वीराज रासो (चन्दबरदाई)
हिन्दी का प्रथम बड़ा महाकाव्य — पद्मावत (जायसी)
हिन्दी खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य — प्रिय प्रवास (हरिऔध)
हिन्दी खड़ी बोली गद्य की प्रथम रचना — चन्द छन्द बरनन की महिमा (गंग कवि)
दक्षिण भारत में हिन्दी खड़ी बोली में साहित्य सृजन करने वाले प्रथम साहित्यकार — मुल्ला वजही
हिन्दी में 'प्रयोगवाद' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोगकर्ता — नन्द दुलारे बाजपेई
हिन्दी का प्रथम गीति नाट्य — करुणालय (जयशंकर प्रसाद)
हिन्दी में दोहा चौपाई का सर्वप्रथम प्रयोगकर्ता — सरहपाद
हिन्दी रीतिकाव्य का प्रथम ग्रन्थ — हिततरंगिनी (कृपाराम)
हिन्दी का प्रथम अभिनीत नाटक — जानकी मंगल (शीतला प्रसाद त्रिपाठी)
गीति काव्य शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग — ‘कुसुम माला' की भूमिका में (लोचन प्रसाद पाण्डेय)
हिन्दी का प्रथम एकांकी — 'एक घूँट' (जयशंकर प्रसाद)
हिन्दी काव्यशास्त्र की प्रथम पुस्तक — साहित्य लहरी (सूरदास)
हिन्दी में सूफी प्रेमाख्यान का प्रथम काव्य — 'चन्दायन' (मुल्ला दाऊद)
हिन्दी में छन्दशास्त्र की प्रथम रचना — छन्दमाला
हिन्दी में रीति सिद्धान्त के प्रथम प्रस्तोता — आचार्य केशवदास
हिन्दी में प्रथम गीत रचनाकार — विद्यापति
प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन — 1975 ई. (नागपुर)
हिन्दी में 'स्वच्छन्दतावाद' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोगकर्ता — मुकुटधर पाण्डेय
हिन्दी में 'नई कविता' शब्द का सर्वप्रथम नामकरणकर्ता — अज्ञेय
हिन्दी का प्रथम रेखाचित्र संकलन — 'पद्मपराग' (पद्मसिंह शर्मा)
हिन्दी आलोचना की प्रथम पुस्तक — हिन्दी कालिदास की आलोचना
हिन्दी में प्रथम तुलनात्मक आलोचना — बिहारी और सादी की तुलनात्मक आलोचना (पद्मसिंह शर्मा)
हिन्दी के प्रथम मार्क्सवादी आलोचक — डॉ. शिवदान सिंह चौहान
प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम सभापति — मुंशी प्रेमचन्द
राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष — बाल गंगाधर खरे
हिन्दी प्रथम साप्ताहिक पत्र — उदन्त मार्तण्ड
हिन्दी का प्रथम दैनिक पत्र — समाचार सुधावर्षण
हिन्दी की प्रथम पत्रिका — संवाद कौमुदी
हिन्दी साहित्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष — पुरुषोत्तम दास टण्डन
हिन्दी नाटक का प्रथम सैद्धान्तिक ग्रन्थ — 'रूपक रहस्य' (श्याम सुन्दर दास)
हिन्दी साहित्य के लिए प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार — सुमित्रानन्दन पन्त (चिदम्बरा)
हिन्दी साहित्य के लिए प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार — माखनलाल चतुर्वेदी (हिमतरंगिणी)
हिन्दी साहित्य के लिए प्रथम व्यास सम्मान — डॉ. रामविलास शर्मा (भारत के भाषा परिवार और हिन्दी)
हिन्दी के लिए प्रथम सरस्वती सम्मान — डॉ. हरिवंश राय बच्चन (आत्मकथा)
मुंशी प्रेमचन्द का प्रथम उपन्यास — प्रेमा (1907 ई.)
मुंशी प्रेमचन्द की प्रथम कहानी — पंच परमेश्वर (1916 ई.)
जयशंकर प्रसाद की प्रथम कहानी — ग्राम (1911 ई.)
जयशंकर प्रसाद का प्रथम ऐतिहासिक नाटक — राज्यश्री (1915 ई.)
महादेवी वर्मा का प्रथम काव्य संग्रह — नीहार (1930 ई.)
सूर्या कांत त्रिपाठी निराला की प्रथम काव्य रचना — जूही की कली (1918 ई.)
हिन्दी का प्रथम व्याकरण — 'हिन्दुस्तानी ग्रामर' (1698 ई.) लेखक जे. जे. केटेलर (डच भाषा में)
हिन्दी भाषा में लिखा गया प्रथम व्याकरण — 'हिन्दी व्याकरण' (1827 ई.) लेखक-पादरी एम. टी. आदम
हिन्दी का प्रथम व्यवस्थित व्याकरण — 'भाषा चन्द्रोदय' (1855) लेखक - पं. श्रीलाल
हिन्दी की प्रथम कवयित्री — मीराबाई
तार सप्तक की एक मात्र महिला कवि — शकुन्तला माथुर
रामचन्द्र शुक्ल की प्रथम सैद्धान्तिक आलोचनात्मक कृति — 'काव्य में रहस्यवाद'
जैनेन्द्र का प्रथम उपन्यास — परख (1929 ई.)
फणीश्वर नाथ रेणु का प्रथम उपन्यास — 'मैला आँचल'
अज्ञेय का प्रथम उपन्यास — शेखर : एक जीवनी
इलाचन्द्र जोशी का प्रथम उपन्यास — घृणामयी
अज्ञेय का प्रथम काव्य संग्रह — भग्नदूत (1933 ई.)
भगवती चरण वर्मा का प्रथम उपन्यास — चित्रलेखा (1939 ई.)
हिन्दी में साधारणीकरण के सम्बन्ध में प्रथम चिन्तनकर्ता — रामचन्द्र शुक्ल
अष्टछाप के कवि-
कवि | गुरु |
सूरदास | बल्लभाचार्य |
कुम्भनदास | बल्लभाचार्य |
छीतस्वामी | विट्ठलनाथ |
गोविन्दस्वामी | विट्ठलनाथ |
परमानन्द दास | बल्लभाचार्य |
कृष्णदास | बल्लभाचार्य |
चतुर्भुजस्वामी | विट्ठलनाथ |
नन्ददास | विट्ठलनाथ |
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